THOUGHTS OF MAR. 2022

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01 MAR. 2022 AT 13:24“ जब चैतन्य के द्वारा तर्क कर्ता मन से न कोई विचार होगा और भावनात्मक मन से न कोई भाव होगा यानी कल्पना पर लेश मात्र भी नहीं ध्यान होगा, अचेतन में भी भावों और विचारों या हर कल्पनाओं का या कल्पना कर्ता योग्यता का अभाव होगा तब उससे उसका साक्षात्कार होगा; जो होगा वह एक मात्र शून्य आकर होगा यानी तभी सही अर्थों में ॐ आकार से साक्षात्कार होगा।”08 MAR. 2022 AT 00:46“कोई भी समाज मन की समझ के दायरों यानी आयामों का परिणाम हैं मतलब परिणामस्वरूप हैं; किसी भी समाज को बदला जा ही