नफरत से बंधा हुआ प्यार? - 49

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सबिता उस कमरे की देख रही थी जिसमे उसे लाया गया था। "अपने कपड़े उतारो," रेवन्थ सेनानी की कड़क आवाज़ सबिता को अपने कानों में सुनाई पड़ी। जब सबिता ने कोई रिएक्ट नही किया और नही अपनी जगह से एक इंच भी हिली और ना ही उसने कुछ कहा तोह रेवन्थ सेनानी उसकी तरफ बढ़ने लगा।रेवन्थ सेनानी ने कुछ पल अपनी ठंडी नज़रों से उसे देखा। और फिर अपना हाथ आगे बढ़ा कर उसके सीने पर से उसकी शर्ट को पकड़ लिया। और फिर एक झटके में खीच कर उसकी शर्ट फाड़ दी। "अगर तुम यह खुद से नही करना