लावण्या - भाग 22

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हमने पिछले पार्ट में देखा कि लक्ष लावण्या दिल्ली से बहुत दूर आ गए थे और दोनों एक रिसोर्ट के लिए जा रहे थे अब आगे..... लक्ष,,,,,गाड़ी चला रहा था,,,उसकी आँखो से पता नही आंसु निकल गए ....... आज लावण्या का दर्द उसे अपना दर्द लग रहा था,,,। पूरी गाड़ी में सन्नाटा छा गया था ना लक्ष कुछ बोला ना लावण्या। शाम होते होते वह रिसोर्ट पहुंच गए थे वहां ठंड भी ज्यादा थी क्योंकि चारों ओर हरियाली ही हरियाली थी,,,,और झरने भी। वो लोग रिसोर्ट के अंदर पहुंचे ,,,,,,लक्ष ने गाड़ी को पार्किंग लॉट में पार्क की और वह