सूना आँगन- भाग 11

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अभी तक आपने पढ़ा एक दिन ऊषा जब वैजयंती के साथ मंदिर जा रही थी तब उसने देखा कि कुछ गुंडे वैजयंती को तंग कर रहे हैं। ऊषा चिंतातुर हो गई वह सोचने लगी कि एक जवान विधवा का जीवन कितना मुश्किलों से भरा होता है। कोई उसके गहनों पर नज़र रखता है तो कोई उस पर। वह इसी कश्मकश में थी कि क्या अभि का लाया मंगलसूत्र उन्हें फिर से वैजयंती को पहना देना चाहिए। अब पढ़िए आगे - वैजयंती अभिमन्यु की तस्वीर निकाल कर देख रही थी। उसकी आँखों से आँसू टपक-टपक कर अभि की तस्वीर पर इस