जीवन का गणित - भाग-5

  • 3k
  • 1.4k

भाग - 5घर पहुंचते ही अवंतिका ने सबसे पहले वैभव से पूछा, “आज तुझे बैंक आने की क्या सूझी बिट्टू?"मां को घर आया देख बिट्टू ने अपना लैपटॉप बंद कर एक किनारे रख दिया और उठकर बाहर हॉल में आने के लिए उठने वाला ही था, तब तक अवंतिका उसके पास आ गई उसके ही कमरे में।"बोर तो नहीं हुआ घर में?""नहीं बिलकुल भी नहीं आपका बेटा हूं, अपनी कंपनी बहुत एंजॉय करता हूं।"हंसते वैभव ने लैपटॉप दूसरी तरफ रख कर अवंतिका को अपने बैड पर बैठने की जगह दे दी। "वैसे तुझे सूझी क्या जो मेरे ऑफिस पहुंच गया