रेडीमेड स्वर्ग - 18

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अध्याय 18 धनराज गोडाउन के अंदर घुसे। सुबह 8:00 बजे। हाथ पैर बंधे हुए, कुर्सी पर सो रहे थे हेमंत और सुरभि, आवाज सुनकर दोनों ने आंखें खोली। धनराज हंसा। "सॉरी ! आज का दिन ठीक नहीं है।" हाथ में पिस्तौल लेकर मेज के ऊपर चढ़कर बैठ गया । नागु फ्लास्क और चार कांच के गिलास के साथ हंसते हुए अंदर आया; । "इनको बात बता दीजिए... भैया।" "पहले उनके रस्सी को खोल कर ‘टी’ इन्हें दे दो... सदमा देने वाली बात को बोलना हैं.... सहन करने के लिए धैर्य चाहिए ना...?" नागु थरमस और कांच के गिलासो को मेज