यहां... वहाँ... कहाँ ? - 2

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अध्याय 2   रूपला चाय भरी हुई प्यालियो को रसोई से बाहर लेकर आई। "क्या बात है जी......! विष्णु का 2 हफ्ते से कुछ पता नहीं। किसी केस के सिलसिले में बाहर गया है क्या?" "हां... मंगलूर गया था। कल रात को वापस आ गया। अभी थोड़ी देर में आएगा देखो....." "क्यों मैंगलोर गया?" "प्रजानंदा एक स्वामीजी है। वह अच्छे हैं, क्या खराब हैं ऐसा दिल्ली के सी.बी.आई. को संदेह है। उनके बारे में मालूम करने के लिए उसे योगा सीखने के लिए एक भक्त बना कर भेजा हैं । जाकर आ जाएगा।" "उसका रिजल्ट क्या है? प्रजानंदा अच्छे हैं.... नहीं