चन्नी--(शिवानी की कहानी)

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ट्रेन पूरी रफ़्तार से चली आ रही थी,नीचे की बर्थ पर एक बुज़ुर्ग-से नवाब साहब लेटे ‘स्टेट्समैन’ पढ़ रहे थे. पास ही उनका नाम लिखा सूटकेस धरा था, जिस पर नवाबज़ादा शौकत अली का नाम, उन्हीं की जवानी की तरह धुंधला पड़ गया था. दूसरी बर्थ पर एक सिन्धी नया जोड़ा, कबूतर की-सी गुटर-गूं में मस्त था. बार-बार लड़की-सी दिखती नई दुल्हन अपने जवान पति को ऊपर की बर्थ पर जाने के लिए ठेल रही थी और वह दुगुने जोश से उससे छेड़खानियां किए जा रहा था. ऊपर की बर्थ पर लेटी, मैं मन ही मन सोच रही थी कि