काली रात

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एक रात जिसने मेरी जिंदगी बदल दी। रात हर दिन की तरह थी लेकिन आज भयानक साबित हुई। भगवान को  भी आज गुस्से में महसूस किया। बार-बार माफी मांग रहा था। इसमें मेरा कोई दोष नहीं था। निशा ने मुझे कभी नहीं समझा। वह मेरी स्थिति और जीवन से अवगत थी। मैं उसे कभी अपना नहीं सका। वह जानती थी कि मैं शादीशुदा हूँ और मेरी तीन बेटियाँ हैं लेकिन उसे मेरे जैसे आदमी से प्यार हो गया मैंने कोई झूठा वायदा नहीं दिया। वह बस अपने दिल की सुनती रही और जीती रही। रात के एक बजे निशा के