खुशी का ठिकाना....

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आज हीरामनी बहुत खुश थी क्योकिं आज उसका बेटा सुधीर उसे ऋषिकेश लेकर जा रहा था,कितने सालों से उसकी इच्छा ऋषिकेश और हरिद्वार घूमने की थी,जो कि आज पूरी होने जा रही थी।। हीरामनी पहले ऋषिकेश पहुंची, वहां उसने गंगा मैया में डुबकी लगाई, लेकिन घूमते समय रह रहकर उसे अपने पोते सजल की याद आ रही थी,वो सोच रही थी कि काश वो भी मेरे साथ होता, वैसे भी बहु सुनीता उसका ध्यान नहीं रखती, हीरामनी की गोद में ही तो पलकर वो इतना बड़ा हुआ है, कब बारह साल का हो गया और उसे पता ही नहीं चला,बहु