साहेब सायराना - 37

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37 भारतीय संस्कृति में "घर" की अवधारणा बहुत पुरानी है। इसका आधार यह है कि एक पुरुष और एक स्त्री मिलें और आपसी संसर्ग से संतान पैदा करके एक छत के नीचे उनकी परवरिश करते हुए उन्हें भविष्य का मुकम्मल इंसान बनाएं। मूल रूप से इस अवधारणा में दोनों के काम का बंटवारा भी कर दिया गया। कहा गया कि औरत घर में रहे, रोटी कपड़ा और मकान का रख रखाव, देखभाल और साज सज्जा करे। पुरुष घर से निकल कर ये देखे कि रोटी कपड़ा और मकान अनवरत मिलते रहें और इनकी देखभाल के लिए ज़रूरी धन आता रहे।