अंतिम सफर - (अंतिम भाग)

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भाग -10 मैं तेजी से घर की तरफ बढ़ रहा था ,मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि ,क्या हो रहा था, पर अब गांव मेरे नजदीक आता जा रहा था ,,, फिर से मेरी आंखें हैरानी से फैल गई थी, मुझे ऐसा लग रहा था ,जैसे मैं गांव के नजदीक नहीं ,गांव मेरे नजदीक आ रहा हो,,, जो अभी तक मुझे बहुत दूर नजर आ रहा था, अब बिल्कुल करीब था ,मैंने अपने भीतर खुशी को महसूस किया था,,,,, और फिर मैं भागते हुए, गांव के अंदर प्रवेश कर गया था, पर मुझे कोई भी गांव वाला दिखाई