कोट - १५

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कोट-१५अभी-अभी दिन खुला हैस्नेहिल चिड़िया डालियों पर फुदक रही है।आसमान की नीलिमा मोहक लग रही है। मैंने अपने दोस्त से कहा," मैंने सुबह सपने में भगवान श्री राम और श्रीकृष्ण देखे।" उसने कहा ऐसा कैसे हो सकता है,हो ही नहीं सकता है। पूजा-पाठ मैं करता हूँ और दिखायी तुम्हें देते हैं। तुम तो रोज मन्दिर भी नहीं जाते हो।फिर मैंने कहा ईजा-बाज्यू( माता-पिता) भी दिखे थे। तो बोला हाँ मुझे भी दिखी ईजा।लगता है पितर नाराज/क्रोधित हैं। मैंने बोला नाराज क्यों होंगे! उन्हें दिखना भी अच्छा है।उसने बोला लोक मान्यता यही है।उसने कहा चलो बैठो देखते हैं हमें हमारा "डीएसबी,