कठपुतलियाँ

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मैं उस समय कक्षा में बच्चों को पढ़ा रही थी, जब दाई ने आकर कहा-बड़ी प्रिंसिपल बुला रही हैं। मैं अन्दर ही अन्दर काँप गई- हे ईश्वर, फिर बुलावा! अब कौन- सा तूफान आने वाला हैं? थोड़ी देर पहले ही तो उन्होंने मुझे एक लिफाफा दिया था, जिसे अभी तक मैं पढ़ भी नहीं पाई थी। आश्वस्त थी की ‘री-ज्वाइनिंग लेटर’ होगा, क्योंकि एक दिन पूर्व ही अन्य शिक्षकों को वह लेटर मिला था। यह हर वर्ष की औपचारिकता है। प्राइवेट अंग्रेजी स्कूलों में सत्र के अन्त में अध्यापक को ‘फ्रेश अप्लीकेशन’ देना पड़ता है और फिर मैनेजमेंट अपनी इच्छा