तुलसी

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इस सत्य प्रसंग की चर्चा यहां करने का उदृेश्य यह कतई नहीं है कि मेरे द्वारा किसी की मदद की गई बल्कि यह बताना है कि यदि आपके आसपास किसी दुखी व्यक्ति के साथ आप मदद और सहानुभूति का रवैया रखे तो हो सकता है आपके विश्वास दिलाने मात्र से उसे उसकी मंजिल तलाश करने में आसानी हो जाए।आज सुबह मोबाइल की बेल बजी देखा तो तुलसी का फोन था। बोली कि दीदी कैसी हो आप मैंने कहा ठीक हूं। वह चहक कर बोली कि दीदी मुझे काम मिल गया है। एक ग्रॉसरी मार्ट के स्टोर में अब मुझे 6000