अध्याय 5 मदर टेरेसा अनाथाश्रम के अंदर जाकर कार रूकी। सुंदरेसन, रंजीता कार के पीछे के सीट से सूटकेस को खोला - एक लाख के एक बंडल को निकालकर संस्था के दफ्तर के अंदर घुसे। कमरा खाली था। "किससे बात करनी है....?” आवाज सुनकर मुड़कर देखा। माली जैसे एक जना खड़ा था। "इस आश्रम के निर्वाही कौन हैं...?" "शारदा मणि अम्मा.... बच्चों का क्लास लेने गई हुई हैं.... एक पांच मिनट में आ जाएंगी.... आप बैठिए....." वे बैठ गए । कमरा साफ सुथरा चमक रहा था। मेज के पीछे की तरफ दीवार पर - एक बड़ा सा काला पत्थर लगा