पल पल दिल के पास - 5

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भाग 5 अग्नि पथ पूर्व के भाग में आपने पढ़ा, नियति और मयंक दोनो ही गंभीर रूप से घायल होते है। नियति की चोट बाहरी थी, वहीं मयंक की चोट अंदरूनी थी। ऊपर से देखने पर मयंक बिलकुल ठीक लग रहा था, पर इन चोटें ने उसे अंदर से बहुत ज्यादा घायल कर दिया था। फल स्वरूप दूसरे दिन मयंक इस दुनिया से …..सदा... सदा…...के लिए चला गया। नियति की स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद उसकी मां उसे लेकर उसके ससुराल पहुंचती है। नियति को अंदर से किसी अनहोनी की आशंका हो रही थी। पढ़े आगे क्या हुआ जब