राहगीर

  • 8.5k
  • 2k

तमिल कहानी उमा जानकीरामण द्वारा लिखी व एस.भाग्यम शर्मा द्वारा अनूदित वेंकटशन मदुराई में उतर कर, दो घण्टे बस में सफर कर तूतूकुडी में आकर उतरे। उनका मन व शरीर दोनों इस शहर की मिट्टी में पैर रखते ही कांप सा गये। तीन साल पहले जो घटना घटी थी उस कारण से, यहां से जाने के बाद, उनका मन बहुत दुखी है। पहले तो वे चारू को देखने जब-तब कांचीपुरम से रवाना होकर आ जाते। एक पीले थैले में शर्ट व धोती, दूसरे थैले में बहुत सी मिठाईयां, फूल आदि के साथ चारू के घर के सामने आकर खड़े होते।