अम्मा ! मैंने झूठ बोल दिया

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उमा जानकीरामन के तमिल कहानी का अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा अलार्म जोर से बजा तो उसे बंद कर, ज्योति करवट लेकर लेट गई। पता नहीं क्यों आज बिस्तर से उठने का मन नहीं हो रहा था। कल रात अनु बिना सोए यहां- वहाँ भागती रही। जब वह सोने आई तब शेखर ने ‘सिर दर्द’ का कारण बता कर काफी की फरमाइश की। सबको निपटा कर सोने जाते-जाते साढें ग्यारह से भी ज्यादा समय हो गया था। दूसरी बार शेखर का अलार्म बज कर बंद हुआ। इसके बाद लेटना नहीं हो सकता सोच ज्योति चादर हटाकर उठकर बैठी। दूध का पैकेट