वह जो नहीं कहा समीक्षा - उठो नीलांजन समीक्षा

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हिंदी और पंजाबी के वरिष्ठ लेखक श्री ओम प्रकाश गासो के आशीर्वचन उठो नीलांजन के लिए जो आज से दो साल पहले उनवान प्रकाशन से छपी मधुर स्पर्श को प्रस्तुत करती रचनाएं -शुभकामना ओम प्रकाश गासो ( अनेक पुरुस्कारों से सम्मानित वरिष्ठ लेखक एवं कवि, हिंदी और पंजाबी दोनों में समान रूप से कर्मशील एवं रचनारत . उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा सम्मानित )जीवन की कोमलता को कला की प्राकृतिक प्रभा कहा जा सकता है . प्रकृति और प्रभा को स्वोकार करने वाली स्वीकृति आनन्द को अपनाती है . आनन्द की इस प्रभा को साहित्य कहा जा सकता है .