किलकारी- भाग ४

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अभी तक आपने पढ़ा कि अदिति ने अनाथाश्रम में जैसे ही चार-पाँच दिन के छोटे से बच्चे को देखा उसने विजय से कहा मुझे यही बच्चा चाहिए। अनाथाश्रम ने कुछ दिनों के इंतज़ार के बाद उन्हें बच्चा सौंप दिया। वे दोनों उस बच्चे को लेकर ख़ुशी-ख़ुशी अपने घर आ गए। इस समय अदिति मातृत्व प्रेम से सराबोर हो रही थी। वह घर पहुँचे तो विमला ने आरती की थाली लेकर उस बच्चे और अदिति का स्वागत किया। आरती उतारकर वह उन्हें अंदर लेकर आई। सब बच्चे को अपनी- अपनी गोद में ले रहे थे। घर पर उसकी ज़रूरत का सारा