राष्ट्र पुत्र

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इस कहानी का शीर्षक भी बिल्कुल इस टाइटल की तरह मजबूत है। यह कहानी कुछ चुनिंदा लोगों को प्रदर्शित करती है। जिसमे साहस वीरता और धैर्य और सबसे बड़ी बात हिंसा का चिन्ह दाग होते हुए भी वे सदा अहिंसा के बल पर ही जीवन की कठिनाइयों से लड़े। परिवार उस समय के लाहौर से जुड़े गांव में रहता था। मां बाप एक अच्छे घराने से थे और गांव के सम्मानित किसान और जमीदार थे। जिंदगी की डोर बहुत ऊंची उठ चुकी थी। घर में पशु पालन और खेती किसानी ही एक मात्र व्यवसाय था। जिस पर नींव टिकी थी। अंग्रेजी राज