नफरत से बंधा हुआ प्यार? - 32

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देव अपने ऑफिस रूम में कुछ काम कर रहा था जब उसने बाहर से एक बड़े से धमाके की आवाज़ सुनी। वोह धमाका इतना बड़ा था की उसे अपने पैरों पर ज़मीन की भी हलचल महसूस हुई। वोह तुरंत अपनी सीट से उठा और सबिता के ऑफिस की तरफ भागा। "सबिता!" उसने चिल्लाते हुए उसे पुकारा और उसके दरवाज़े पर नॉक किए बिना दरवाज़ा पर धक्का देते हुए अंदर घुस गया। सबिता अपने रूम में बिलकुल बीचों बीच खड़ी थी और अपनी बंदूक को सही से उसके खोल में रख रही थी। "तुम ठीक हो? देव ने पूछा। "हां! क्या हुआ है?" सबिता ने