अबतक के सफ़र में हमने जाना कि राजा की आज्ञा मानकर तीनों राजकुमार राज्य से रवाना हो गए । राजकुमार रविसिंह और राजकुमार केशवसिंह ने सिंहगढ़ नरेश चित्ररसेन के साथ मिलकर अपने चाचा शरणनाथ के राज्य पर आक्रमण करने की योजना बनाा और उसे अंजाम दिया किंतु शरणनाथ के सैन्य बल को देखकर राजा चित्रसेन युद्धभूमि से भाग घड़े हुए । और अंंतत: दोनों राजकुमारों की पराजय हो गई और शरणनाथ ने उन्हें अपमानित करके भगा दिया । जब राजकुमारों ने महल लौटकर महाराज जयसिंह को सारा वृृतांत सुनाया तब महाराज ने कुछ नहीं कहा और अपने कक्ष में लौट गए ।