सबिता ने उसे घूरते हुए देखा और कहा, "तुमसे कितनी बार कहा है की उस रात की बात मेरे सामने मत करा करो।""इसमें कोई बुरी बात तोह नही है।""बिलकुल है।" सबिता के सामने खड़ा शख्स हमेशा ही उसे गुस्सा दिलाता था अपनी हरकतों से। "अगर हमारे लोगों को लगता है की हम कपल हैं और आगे चल कर रिश्ता भी जुड़ सकता है तोह वोह रिलैक्स हो जायेंगे और सुरक्षित महसूस करेंगे। तुम्हे रेवन्थ सेनानी से छुटकारा भी मिल जायेगा। मुझे पता है तुम्हारे लोग दुबारा सिंघम और प्रजापति के बीच रिश्ता जुड़ता देखना चाहेंगे ना की सेनानी के साथ।" देव