स्पर्श--भाग (५)

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सुबह हुई विभावरी नहा-धोकर तैयार हो चुकी थी,मधुसुदन अभी भी अपने कमरें में सोया पड़ा था,फिर दोनों सास-बहु नाश्ते की तैयारी में लग गई,नाश्ता बन गया तब तक मधुसुदन भी तैयार होकर आ चुका था,तो शान्ती बोली.... बहु!चल सबके लिए नाश्ता लगा दें,फिर रसोई साफ करके शाम की पूजा के लिए भी तो खाना बनाना होगा,इसलिए तो मैने नाश्ता थोड़ा हैवी सा बना दिया है,ताकि दोपहर के खाने से छुट्टी मिल जाएं,वैसे भी आज तो बहुत काम है,ऊपर से हम दोनों का निर्जला उपवास,सबको नाश्ता करवाने के बाद तू थोड़ी देर आराम करले,जब काम होगा तो मैं तुझे बुला लूँगी,तुझे