स्पर्श--भाग (४)

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मधुसुदन ने विभावरी का सिर सहलाना शुरू किया तो विभावरी सो गई,विभावरी के सो जाने के बाद मधुसुदन भी बिस्तर पर ही उसके बगल में लेट गया,सुबह होने को थी लेकिन आज विभावरी जागी नहीं थी क्योकिं शायद ये सब शराब का असर था,उसी वक्त विभावरी ने करवट ली और मधुसुदन के सीने पर रख दिया,मधुसुदन विभावरी के कोमल स्पर्श से सिहर उठा और उसे अपनी बाँहों में भर लिया और फिर उसने उसके कोमल होठों को अपने होठों से स्पर्श कर लिया.... मधुसुदन की आतुर कामनाएं विभावरी को अपने आगोश में कसती जा रही थीं तभी विभावरी की