टेढी पगडंडियाँ - 41

  • 3.6k
  • 1
  • 1.7k

टेढी पगडंडियाँ 41 गुरनैब एकटक किरण को देखे जा रहा था । किरण बेहद खूबसूरत थी , कोई अप्सरा पर आज से पहले इतनी सौंदर्य की मलिका कभी नहीं लगी थी । उसका रंग हल्दी और केसर मिला दूधिया रंग हो गया था । लेटी हुई किसी बादशाह की बेगम से कम न लगी । ऊपर से उसका यूँ शर्माना गजब ढा रहा था । काफी देर तक वह हथेलियों में मुँह छिपाये रही फिर धीरे धीरे अपनी ऊँगलियाँ सरकाई तो जैसे चाँद बदली से बाहर आ गया । उसके चेहरे की मुस्कान अलग चाँदनी की तरह