दिलीप कुमार का अफ़साना हो या सायरा बानो की कहानी...या फ़िर दोनों का एक साथ सुहाना सफर, कम से कम देखने वालों के लिए तो मौसम हमेशा ही हसीं रहा। यहां एक बात जानना बहुत ज़रूरी है। चाहे ये दोनों ही हिंदी फ़िल्मों के कोहिनूर रहे हों, मगर हिंदी दोनों की ही मातृभाषा नहीं थी। दिलीप कुमार पाकिस्तान के पेशावर में पैदा हुए और वहीं उनका बचपन गुज़रा। संपन्न जमींदार परिवार से ताल्लुक रखने के कारण लिखाई- पढ़ाई में भी उर्दू के साथ- साथ अंग्रेज़ी का बोलबाला रहा। जैसा कि हिंदी फिल्मजगत का प्रचलन रहा, यहां अधिकांश पेपरवर्क अंग्रेज़ी में