टेढी पगडंडियाँ 40 गुरनैब ने अभी आधा ही रास्ता पार किया था कि हल्की हल्की बारिश शुरु हो गयी । अभी कुछ देर पहले तो चारों ओर सुनहरी धूप खिली थी कि अचानक पता नहीं कहाँ से उङती हुई बदली छा गयी । कोई और समय होता तो गाङी की छत पर बूँदों की टप टप का संगीत उसे अच्छा लगना था पर इस मनस्थिति में उसका गुस्सा भङक गया । इस बादल के टुकङे को भी अभी आना था । उसने मन लगाने के लिए रेडियो आन कर लिया । वहाँ गाना बज रहा था –