एक बूंद इश्क - 8

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८.पुरानी यादें रुद्र अपनें कमरें में आकर अपनें दादाजी की तस्वीर के सामने खड़ा हो गया। अचानक ही उसके चेहरे पर मुस्कान तैर गई। वह अतीत की यादों में खो गया। जहां वो अपनें दादाजी की गोद में सिर रखकर सो रहा था। "दादू! क्या मैं आपके साथ आश्रम नहीं आ सकता?" रुद्र ने मासूमियत से पूछा। "आ सकते हों। मगर मेरी एक बात मानोगे?" दादाजी ने प्यार से रुद्र का सिर सहलाते हुए पूछा। "जरुर मानूंगा।" रुद्र ने कहा। "तुम मेरे साथ आश्रम आकर रहो। उसमें मुझे कोई एतराज़ नहीं है। लेकिन तुम्हारे पापा को लगेगा कि मैं इस