साहेब सायराना - 2

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दिलीप कुमार की शूटिंग देखने की इस ख्वाहिश के उजागर होते समय टीन एज में कदम रखती बेटी की आंखों की चमक ने नसीम बानो को भीतर से कहीं गुदगुदा दिया। उन्हें वो दिन याद आ गए जब उन्हें भी एक फ़िल्म की शूटिंग देखते हुए ही फ़िल्मों में काम करने का चस्का लगा था। मां नसीम बानो के दिमाग़ में एक नई हलचल शुरू हो गई। क्या बेटी की ये ख्वाहिश आम बच्चों की तरह इम्तहान से फारिग होकर फ़िल्म देखने या शूटिंग देखने जैसी आम ख्वाहिश है या फ़िर कहीं भीतर ही भीतर बेटी के दिमाग़ में मां