अनोखी प्रेम कहानी - 3

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वीरा की नींद अचानक उचट गयी। समस्त तन में पीड़ा और जलन। मशाल बुझ गई थी। पूरे कक्ष में अँधेरा छाया था। उठकर उसने बुझे मशाल को मंत्रोच्चारण से पुनः प्रज्वलित किया। सारे कक्ष में जलती मशाल की चर्बी की गंध के साथ पीला-डरावना प्रकाश फैल गया।नींद से अचानक जगने का कारण ढूँढ़ती उसकी आँखें कक्ष में घूमने लगीं। क्या हो गया है उसे? विगत कई दिनों से उसकी व्यग्रता बढ़ने लगी थी। कापालिक क्रियाओं में त्रुटियां होने लगी थीं। आज भी याद कर उसे स्वयं पर क्रोध आया। क्रोध की अधिकता से उसका तन-मन जल उठा।इस बार वह सचेत