अध्याय 22 “दोपहर 1:00 बजे डॉक्टर अंकल के साथ आपके सामने खडा होता हूं आंटी!" बात करके सेलफोन को बंद करने पर उसके चेहरे पर पसीने की बूंदें चमकने लगी। रुमाल को लेकर उन्हें पोंछते हुए पोर्टिको में खड़े हुए कार की ओर चला। डॉक्टर उत्तम रामन अपने होश में आकर आंखें खोली तभी पता चला कि वे एक अंधेरे कमरे में हैं इसे महसूस किया। उनका पीछे का सर एक लोहे के जैसे भारी था। आंखों के पलकों को बड़ी मुश्किल से खोला। अजीब-अजीब चीजें हल्के-हल्के नजर में आई। जीभ बिना पानी के सूख गई थी। पेट में भूख