कोख का कारोबार - (लेख)

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कोख स्त्री को प्रकृति द्वारा दिया गया अनुपम उपहार है पर सदियों से इस पर पुरूष का अधिकार रहा है |अपनी ही कोख के बारे में स्त्री निर्णय नहीं ले सकती थी |उसकी कोख में क्या पले ,कितना पले क्यों पले,सब निर्णय पुरूष लेता रहा है। आज भी अधिकांश स्त्रियों की कोख उनके पतियों की जागीर है पर अब कुछ स्त्रियों ने उसके बारे में स्वयं निर्णय लेने शुरू कर दिए हैं ,यहाँ तक कि वे अपनी कोख किराए पर देने लगी हैं |यह बहुत बड़े ही हंगामे की बात हो गयी है |किराए पर कोख देने वाली को सरोगेट माँ कहते हैं ।"सरोगेट" शब्द लैटिन