नफरत से बंधा हुआ प्यार? - 12

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सबिता कंस्ट्रक्शन साइट पर खड़ी थी, काम कैसा चल रहा है यही निगरानी कर रही थी। उसका ध्यान बार बार उस फोन कॉल की ओर जा रहा था जो एक घंटे पहले आया था। एक और सुराग मिला था उसे। एक एड्रेस जो किसी दूसरी सिटी का था। ये पहली बार नही था की किसी के घर का पता उसे मिला था अपने इन्वेस्टीगेटर से। हर बार वो उम्मीद करती की वोह इस जगह जरूर मिलेगा लेकिन निराशा ही हाथ लगती। इस बार भी उसने सोचा शायद ये एड्रेस इस बार भी गलत ही होगा लेकिन फिर भी दिल में