माँ

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कहानी --- माँ •••••••••••••••••••आज नैना की शादी पर उसकी एक नहीं दो-दो माँ उसका कन्यादान कर रही थी और उसे आशीर्वाद दे रही थी ।तबादले के बाद जब हम इस बड़े से शहर में आए तब पलक से मेरी शादी को दो ही साल हुए थे ।अगर कामना न होती तो पलक के लिए इस शहर में रहना बहुत मुश्किल हो जाता ।मैं तो ज्यादातर अपने काम में व्यस्त रहता था, ऐसे में पलक को इतना समय नहीं दे पाता था ।वह सबके साथ घुलमिल कर रहने वाली लड़की थी लेकिन इस बड़े शहर में सब अजनबी और एक-दूसरे से