कम नहीं है वो

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।नौजन अपने खेत से काम करके आ रहा था । जून माह की भीषण गर्मी ऊपर से उसके पास पहनने को सही कपड़े भी न थे । सूरज की तपती आग मानो उसकी देह को जला रही हो लेकिन उसके मुख पर एक मुस्कान थी । उसे आशा थी कि इस बार उसकी फसल अच्छी हो जाएगी । तो वह अपनी बेटीका विवाह एक अच्छे घर मे कर सकेगा , वह यह विचार करते हुए अपने घर आ रहा था । वह जब घर आया तो उसने देखा कि उसकी बेटी कांति अपनी माँ के साथ काम मे उसका हाथ