कुएं का राज़

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कुएं का राज़ तहेरानपुर गांव, जहां लोगों में बहोत संप था और सब हसी खुशी मिल झुलके रहते थे। गांव के बहार एक बड़ा चबूतरा था और वहां पास ही में एक कुवा था जहां से लोग पीने का पानी निकालने सुबह सुबह इकठ्ठे हुआ करते थे। पर जैसे दिन बीतता जाता वहां वाटेमार्गू और राहदारी के अलावा ज्यादा कोई आता नहीं था। कभी कभी शाम के वक्त वहां खेलते बच्चे या दोपहर के वक्त वहां से गुजरने वाला कोई पानी पीकर अपनी प्यास बुझा लेता। खेतों में पानी भी कभी कभी इस ही कुएं से लेजाया जाता था। गांव