हमे तुमसे प्यार कितना... - 13

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विराज, गुप्ता जी की बात सुन कर, तुरंत पलट गया और अब वो उन्हे घूरने लगा।गुप्ता जी घबराकर एक कदम पीछे हो गए।यह देख कर विराज ने अपने कदम आगे बढ़ा लिए फिर गुप्ता जी के नज़दीक जाके उसने कहा "यही तो आपके रहते हुए भी ऐसा हुआ"सर....मैने कुछ नही किया। गुप्ता जी ने घबराहट में ही कहा।"सही कहा! कुछ भी नही किया आपने" विराज ने गुस्से भरी नज़रों से उन्हे घूरा।कुछ पल रुक कर आगे कहा अगर किया होता तो दादाजी की बनाई इस कंपनी की ये हालत नही हुई होती।आप पर भरोसा किया था डैड ने की पूरी