वे रोज इतनी मिठाई का करते क्या है?कहां से आते है?और इतनी मिठायीं कहां ले जाते है"अनेक प्रश्न थे।और राम बाबू उत्सुकता रोक नही पाया और एक दिन पूछ ही बैठा,"रोज आप लोग इतनी मिठाई का क्या करते है?""जानना चाहते हो?"उनमे से एक आदमी बोला थ।"हां"राम बाबू ने उत्तर दिया था।"ठीक है।कल तुम हमारे साथ चलना।तुम्हे खुद ही सब कुछ पता चल जायेगा"।यह कहकर वे मिठाई लेकर चले गए।और अगले दिन राम बाबू उन लोगो के साथ जाने के लिए तैयार होकर आया था।रोज दोपहर को उसका बेटा खाना लेकर दुकान पर आता था।आज वह आया तो राम बाबू बोला,"तुम्हारी