ग्यारह अमावस - 35

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(35)मदद का इंतज़ार करते हुए सब इंस्पेक्टर आकाश दुबे ने नज़ीर का मैसेज पढ़ा। उसने लिखा था,'गगन के पीछे जा रहा हूँ....सही मौका मिलने पर फोन करूँगा....."मैसेज पढ़ने के बाद सब इंस्पेक्टर आकाश दुबे सोच में पड़ गया।‌ सिर्फ इतना स्पष्ट था कि नज़ीर गगन के पीछे कहीं जा रहा है। कहाँ जा रहा है ? कैसे उसका पीछा कर रहा है कुछ स्पष्ट नहीं था। वह झल्लाया कि कम से कम पूरी बात बतानी चाहिए थी। लेकिन फिर उसके मन में आया कि हो सकता है कि उसके पास इतना समय ही ना रहा हो। उसने जल्दी