शिवम की आवाज़ सुनकर एक पल को शिवदत्त मौन होकर उसे निहारने लगा.... अंकल! आपको सुनाई नहीं दिया क्या? मैने आपसे स्वेटर माँगा,शिवम दोबारा बोला।। वो तो ठीक है नन्हें फरिश्ते लेकिन तुम्हारी माँ कहाँ हैं? तुम अकेले ही बाजार आएं हो,शिवदत्त ने पूछा।। लेकिन मेरी तो माँ ही नहीं है,मैं तो अपनी नानी के संग बाजार आया हूँ,शिवम बोला।। अच्छा! तो फिर तुम्हारी नानी कहाँ हैं?शिवदत्त ने पूछा।। वो मेरे साथ ही आईं हैं,बगल वाली दुकान से कुछ सामान खरीदने लगीं तो मैने सोचा कि मैं ही अपने लिए स्वेटर खरीद लूँ,शिवम बोला।। ओहो..इतने छोटे होकर इतनी बड़ी