स्त्री.... - (भाग-37)

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स्त्री.....(भाग-37)मैं होटल से लेकर घर तक के पूरे रास्ते मन ही मन में लिस्ट तैयार कर रही थी कि क्या क्या काम करने हैं, वो भी 3-4 घंटो में! तकरीबन 30 लोगो का स्टॉफ और 8-10हम घर के लोग तो हम हैं ही। मैं खुद पर गुस्सा हो रही थी कि किसी केटरर्स को ही खाने का आर्डर दे देती। पर अब क्या किया जा सकता है! अब तो इतने कम टाइम में कैसे होगा, खैर जो हो पाएगा देखते हैं! तारा और राजन बार बार कह रहे थे कि परेशान न हो, सब हो जाएगा।बस इसी सोचते सोचते घर