अध्याय तीन- प्रस्ताव… और …अनंत समय का लंबा इंतजार..कॉलेज के आखिरी दिन से ठीक पहले..उस दिन सूरज समय पर नहीं जागा था.. बादलों ने सूरज को ढक लिया था और हवा चल रही थी..ऐसा लग रहा था कि बारिश होने वाली है..हालाँकि विशेष और धृति दोस्त थे, वे दोस्ती से दूर नहीं गए..लेकिन पहले दिन से आज तक विशेष के मन में उसके लिए भावनाएँ थीं जो वह व्यक्त करना चाहता था इसलिए उसने अपना मन बना लिया और उससे दोपहर के भोजन के लिए कहा..वह कहा "ठीक है".वही होटल जहां धृति ने उसे बचाया था..वही होटल जहां वे दोस्त