बोझल मन

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कहानी ( बोझल मन )--------------------------------छः माह हुए भुवन को गाँव से शहर आए,साथ में पत्नी केसर और पाँच वर्षिय गोपाल भी था।किराये का एक छोटा-सा कमरा लेकर भुवन ने अपनी गृहस्थी जमा ली थी ।भुवन ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं था, वह शहर आकर रिक्शा चलाने का काम करने लगा लेकिन उसमें इतना ही हो पाता था कि वह अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा दिला सके और घर का खर्चा चल सके ।वह चाहता था कि उसका बेटा खूब पढ़े और बड़ा आदमी बने । गर्मी के दिन तो निकल गए लेकिन अब ठिठुरता