टेढी पगडंडियाँ 29 उस दिन वह पूरा दिन गुरनैब ने इधर उधर भटकते हुए बिताया । तपती हवा के साथ साथ वह यहाँ से वहाँ घूमता रहा । धीरे धीरे दोपहर ढलने लगी । फिर शाम उतर आई । सूरज अपने घर लौटने लगा था । सूरज की किरणें पेङ की ऊँची फुनगी पर जा बैठी । चरने गये पशु , गाय भैंसे अपने ठिकानों पर लौट आये । पक्षियों ने अपने घोंसलों की ओर मुङना और चहचहाना शुरु किया । खेतों में काम करते हुए किसान और दिहाङी करने गये मजदूर अपने घरों में लौटने शुरु