अधूरा इश्क (लघुकथा)

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रिया ऑटो रिक्शा से समाहरणालय के पास पहुँची और ऑटो रिक्शा चालक को रुपये देकर जल्दी से जिलाधिकारी कार्यालय के पास पहुँची, लेकिन वहाँ खड़े सिपाही ने जब रोका तब वह हाँफती हुई बोली"मैं.... मैं... साहब से मिलना चाहती हूँ।बहुत जरूरी है उनसे मिलना।"इतना कहकर वह एक लंबी सांस ली।उसकी बात सुनकर वहाँ खड़ा एक अन्य सिपाही बोला"ठीक है, आप यही रुकिए।मैं सर से आदेश लेकर अभी आ रहा हूँ"।इतना कहकर वह अंदर चला गया है जल्द ही वापस आकर बोला"आप अंदर जा सकती है।साहब इस वक्त आपसे बात कर सकते है"। जैसे ही रिया यह सुनी वह प्रसन्न होकर