मेरी भैरवी - 6

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6. सुनैना और विराजनाथ की मुलकात सुनैना के जाने के बाद विराजनाथ अपने कक्ष की ओर जाता है और कक्ष में प्रवेश करने के बाद विराजनाथ कुछ समय तक आध्यात्मिक साधना करने लगता है।लगभग चार घंटे के आभ्यास करने के पश्चात विराजनाथ की शारीरिक और आध्यात्मिक शक्तियों में थोड़ी सी वृद्धि होती है ...इससे विराजनाथ कुछ ज्यादा खुश नहीं होता है...और ऋषि कपिलेश से प्राप्त शक्तियों को अपने अंदर पूर्ण रूप से स्थायित्व पाने के लिए और उन पर महारता हासिल करने के लिए विराजनाथ को अपनी स्वयं की शारीरिक व आध्यात्मिक शक्तियों में विकास करना जरूरी था।क्योंकि