तेरी कुर्बत में - (भाग-16)

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संचिता की बात सुनकर ऋषि धीमी आवाज़ में नज़रें झुकाए हुए बोला । ऋषि - इसके लिए मैंने एक फैसला ले रखा है । संचिता ( हैरानी से उसे देखकर ) - कैसा फैसला??? ऋषि ( अपने होठों को आपस में दबा कर , आसमान की तरफ देखता है और फिर कहता है ) - मैं कभी शादी नहीं करूंगा और न ही कभी किसी लड़की से मोहब्बत करूंगा । संचिता उसकी बात सुनकर आश्चर्य से उसे देखती है और अचानक से खड़े होकर आखें बड़ी - बड़ी कर कहती है । संचिता - क्या????? ऋषि फिर से होठों को